रामचरितमानस अर्थ सहित PDF: श्री रामचरितमानस एक इतिहास की घटना है । जिसे अवधि भाषा में लिखा गया है । यह १६वीं सदी में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित किया गया है । यह ग्रन्थ अवधी साहित्य मतलब हिंदी साहित्य की महान कृति माना जाता है । इस ग्रन्थ की लोकप्रियता पुराणों से चलती आ रही है ।
आज हम आपको रामचरित मानस, उनके दोहे और जानकारी देंगे । ऐसे ही अनोखे लेख को पढ़ने के लिए हमारे चैनल को फॉलो कीजिए ।
A Brief About रामचरितमानस अर्थ सहित PDF:
Categories | Devotional |
Pages | 1119 |
Size of PDF | 05 MB |
Year | 2022 |
Language | Hindi and Sanskrit |
Credit Source | epaperpdf.com |
रामचरितमानस जानकारी
रामचरितमानस शब्द का अर्थ है राम के कर्मों की झील । इसे हिंदी साहित्य की सबसे बड़ी कथाओं में से एक माना जाता है। इस कार्य को विभिन्न रूप से पेश किया जाता है । जैसे के “भारतीय संस्कृति का जीवित योग”, “मध्ययुगीन भारतीय कविता के जादू के बगीचे में सबसे ऊंचा पेड़”। ऐसे ही “सभी भक्ति साहित्य की सबसे बड़ी पुस्तक” । और “भारतीय लोगों के लोकप्रिय जीवन विश्वास के लिए सबसे अच्छा और सबसे भरोसेमंद गाइड ।
दोस्तों, आप सभी ने रामायण टीवी सीरियल देखा ही होगा । उन्होंने राम और उनके जीवन पर बहुत ही प्रभावशाली मलिका बनायीं है । यह मलिका बच्चों से लेकर बड़ों तक साथ में देख सकते है । इस मलिका में राम और उनके जीवन कार्य के बारे में बेहद ही अनोखे तरीके से दिखाया गया है । श्री राम जी का १४ सालो का वनवास । और उसमे सीता माँ ने दी हुई परीक्षा । यह सब तो आप अपने बड़ों से सुनते ही आते है । मगर रामचरित के बारे में बहुत ही कम लोग पढ़ते है । ऐसे में आप इस pdf को जरूर पढ़े ।
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रामचरितमानस अर्थ सहित PDF Download
रामायण में भगवन राम जी के अच्छे चरित्र के झांकी देखने को मिलती है । वैसे ही रावण पर भारी होकर बुराई पर अच्छाई की जित का जश्न होता है । जो आज भी हम विजयादशमी के दिन मनाते है ।
पूरी रामचरित मानस पढ़ने के लिए आप इस पीडीऍफ़ को डाउनलोड करें ।
रामचरितमानस के 10 चमत्कारी दोहे
यह दोहे चमत्कारी होते है, जिनसे वरदान प्राप्त होता है . नवरात्रि में देवी की विभिन्न रूपों की अर्चना की जाती है . और इच्छापूर्ति मंत्र का प्रयोग किया जाता हैं। जो सर्वसाधारण के लिए थोड़े कठिन ही पड़ते हैं। रामचरित मानस के दोहे, चौपाई और सोरठा से इच्छापूर्ति की जाती है, जो सभी के लिए सरल है।
रामचरितमानस 10 चमत्कारी दोहे, जो देते हैं हर तरह के वरदान :
(1) शत्रु नाश के लिए-
‘बयरू न कर काहू सन कोई । रामप्रताप विषमता खोई।।’
2) संपत्ति प्राप्ति के लिए-
‘जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं । सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं।।’
3) विद्या प्राप्ति के लिए-
‘गुरु गृह गए पढ़न रघुराई । अल्पकाल विद्या सब आई।।’
4) आजीविका प्राप्ति या वृद्धि हेतु-
‘बिस्व भरन पोषन कर जोई । ताकर नाम भरत अस होई।।’
5) रोग तथा उपद्रवों की शांति हेतु-
‘दैहिक दैविक भौतिक तापा । राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।।’
6)विपत्ति नाश के लिए-
‘राजीव नयन धरें धनु सायक । भगत बिपति भंजन सुखदायक।।’
7) भगवान राम की शरण प्राप्ति हेतु-
‘सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना । सरनागत बच्छल भगवाना।।’
8) अनजान स्थान पर भय के लिए मंत्र पढ़कर रक्षारेखा खींचे-
‘मामभिरक्षय रघुकुल नायक । धृतवर चाप रुचिर कर सायक।।’
9) भय व संशय निवृत्ति के लिए-
‘रामकथा सुन्दर कर तारी । संशय बिहग उड़व निहारी।।’
10) मनोकामना पूर्ति एवं सर्वबाधा निवारण हेतु-
‘कवन सो काज कठिन जग माही । जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।’
Following are some of the wonderful portions from Ramcharitmanas:
- मूक होइ बाचाल पंगु चढ़इ गिरिबर गहन।
जासु कृपाँ सो दयाल द्रवउ सकल कलिमल दहन॥
Meaning: On whose grace, even the dumb person starts speaking and lame person can climb a insurmountable mountain, he who burns all the sins of kaliyug, be kind to me. - बंदउँ संत समान चित हित अनहित नहिं कोइ।
अंजलि गत सुभ सुमन जिमि सम सुगंध कर दोइ॥
Meaning: I salute the saints, who are stable in their mind, who has no friend and no enemy. The way the flowers spread their same fragrance to the hands which pluck them out and to those which holds them, similarly a saint does same good to friend and enemy. - भायँ कुभायँ अनख आलस हूँ।
नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ॥
Meaning: Whether with love or with hatred, with anger or laziness, irrespective of what manner, chanting the name of Ramji always does good of a person. - जदपि मित्र प्रभु पितु गुर गेहा। जाइअ बिनु बोलेहुँ न सँदेहा॥
तदपि बिरोध मान जहँ कोई। तहाँ गएँ कल्यानु न होई॥
Meaning: There is no doubt that one should go to the house of friend, master, father and teacher. However, if there is someone who is against you, going to their’s house does not do any good. - सिव पद कमल जिन्हहि रति नाहीं। रामहि ते सपनेहुँ न सोहाहीं॥
बिनु छल बिस्वनाथ पद नेहू। राम भगत कर लच्छन एहू॥
Meaning: Those who don’t have affection to Shivji’s feet are not liked by Ramji even in his dreams. Having selfless love to Shivji’s feet, is the sign of Ramji’s devotee. - जेहि बिधि नाथ होइ हित मोरा।
करहु सो बेगि दास मैं तोरा॥
Meaning: O God! the way my good happens, please do it immediately for me. I am your servant. - बार बार मागउँ कर जोरें।
मनु परिहरै चरन जनि भोरें॥
Meaning: Again and again I ask folding my hands to you Ramji that my mind even by forgetting never forget your feet’s remembrance. - धीरज धर्म मित्र अरु नारी।
आपद काल परिखिअहिं चारी॥
Meaning: Composure, devotional belief, friend and wife – all these are tested in adversities. - कोमल चित अति दीनदयाला। कारन बिनु रघुनाथ कृपाला॥
गीध अधम खग आमिष भोगी। गति दीन्ही जो जाचत जोगी॥
Meaning: Ramji is very kind and bestows his grace even without any reason. Jatayuji (vulture) was a non-vegetarian, but he gave him that high place which even the yogis keep asking. - गुन तुम्हार समुझइ निज दोसा। जेहि सब भाँति तुम्हार भरोसा॥
राम भगत प्रिय लागहिं जेही। तेहि उर बसहु सहित बैदेही॥
Meaning: Those who credit their goodness to you Ramji and blame themselves for any wrong in them, have full faith in you and have liking for your devotees, you reside in their hearts along with Sitaji.
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